पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार ने स्कूली बच्चों को साइबर क्राइम के प्रति किया जागरूक

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रायगढ़। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशन में रायगढ़ पुलिस की साइबर सेल द्वारा आज ओपी जिंदल स्कूल के ऑडिटोरियम में एक विशेष साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अगुवाई साइबर सेल डीएसपी अनिल विश्वकर्मा ने की। इस दौरान हाई स्कूल के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को डिजिटल दुनिया में बढ़ते साइबर अपराधों और उनसे बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी गई। डीएसपी अनिल विश्वकर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में छात्र, अभिभावक और शिक्षक—तीनों ही साइबर ठगी के संभावित शिकार हो सकते हैं। उन्होंने हालिया उदाहरण देते हुए बताया कि परीक्षा में नंबर बढ़ाने या पास कराने के नाम पर कुछ फर्जी लोग कॉल कर छात्रों और उनके परिवारों से ठगी कर रहे हैं। ऐसे कॉल पूरी तरह फर्जी होते हैं और किसी भी स्थिति में उन पर भरोसा न करें। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी या बोर्ड संस्था छात्रों से नंबर दिलाने के लिए कॉल नहीं करती। कार्यक्रम में डीएसपी ने बच्चों को सोशल मीडिया पर हो रही नई-नई तकनीकों से होने वाले अपराधों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कैसे प्रोफाइल क्लोन कर फर्जी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती हैं, फिर पैसे की मांग या मानसिक उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती हैं। इससे बचने के लिए बच्चों को जरूरी सुरक्षा उपाय बताए गए—जैसे प्रोफाइल लॉक रखना, टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन करना, अजनबी नंबर से आए किसी लिंक को न छूना, और किसी भी फ्रॉड पर 1930 या 9479281934 नंबर पर तुरंत सूचना देना। इसके साथ ही उन्होंने UPI फ्रॉड, फाइनेंशियल फ्रॉड, फेक ऐप्स, ऑनलाइन गेमिंग ठगी और अवैध ऑनलाइन लोन के झांसे से भी छात्रों को सावधान किया। उन्होंने कहा कि कई फर्जी लोन ऐप्स मोबाइल में घुसकर डाटा चुराते हैं और फिर ब्लैकमेलिंग शुरू करते हैं। ऐसे मामलों में बिना देरी किए तुरंत साइबर सेल या नजदीकी थाने में रिपोर्ट करें। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा जब बच्चों ने उत्सुकता से डीएसपी विश्वकर्मा से सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेम्स और हैकिंग से जुड़े कई रोचक और व्यावहारिक सवाल पूछे। डीएसपी ने बेहद सहजता और सरल भाषा में बच्चों के हर सवाल का उत्तर दिया, जिससे उपस्थित छात्र-छात्राओं में न केवल जागरूकता बढ़ी, बल्कि एक सकारात्मक संवाद का वातावरण भी बना। कार्यक्रम में साइबर डीएसपी ने बच्चों को डिजिटल दुनिया में ‘सोच-समझकर क्लिक’ की आदत अपनाने और ‘अनजान से सतर्कता, तकनीक से दोस्ती’ जैसे मूलमंत्र दिए।

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