संवाददाता
नई दिल्ली। साल 2019 से पुलिस के चंगुल से फरार 1 लाख के इनामी ड्रग तस्कर को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया हैं। स्पेशल सीपी क्राइम ब्रांच रविन्द्र सिंह यादव ने बताया कि पूर्वी रेंज-1, अपराध शाखा की टीम ने शमीम उर्फ वेल्डर को गिरफ्तार किया है। वह चंदौली, जिला-बाराबंकी (यू.पी.) का रहने वाला है। उसकी गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया है ।
पुलिस के मुताबिक 2019 में स्पेशल सेल की टीम ने मणिपुर निवासी शकील अहमद, रियाज खान और पश्चिम बंगाल निवासी शुभंकर उर्फ सुभम नाम के आरोपी व्यक्तियों को दिल्ली के शालीमार बाग से पकड़ा था व उनके कब्जे से 10 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई थी ।
पूछताछ में आरोपी व्यक्तियों ने खुलासा किया कि वे सपन हलदर नाम के एक व्यक्ति के यहां काम करते थे। वे सपन हलदर के निर्देश पर मणिपुर के एक अली हसन से हेरोइन खरीदते थे और इसे पश्चिम बंगाल, यूपी और दिल्ली एनसीआर में विभिन्न लोगों को सप्लाई करते थे। आरोपी शुभंकर हलदर ने स्पष्ट रूप से खुलासा किया कि वह शकील अहमद के निर्देश पर आरोपी शमीम को हेरोइन की आपूर्ति कर रहा था। चूंकि आरोपी शमीम लापता था, इसलिए उसे घोषित अपराधी और उस पर 1 लाख रुपये का नकद इनाम घोषित किया गया था।
डीसीपी सतीश कुमार ने बताया कि एसीपी रोहताश के टीम के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा और उनकी टीम के उप निरीक्षक प्रकाश, अबोध शर्मा, देवेंद्र मलिक, सहायक उप निरीक्षक संदीप चावला,अशोक, हवलदार मनीष, सौरव, अमित व सिपाही विकास शामिल थे। उप निरीक्षक देवेंद्र मलिक को आरोपी शमीम की नवीनतम तस्वीर प्राप्त करने में सफलता मिल गई । आरोपी मो. शमीम का जन्म चंदौली टिकरा, जिला में हुआ था। बाराबंकी (यूपी)। आरोपी ने टिकरा के मौलाना अब्दुल कलाम आजाद स्कूल से ही तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई की थी। आरोपी वेल्डिंग वर्क्स की दुकान में हेल्पर का काम करने लगा। चूंकि वह इस पेशे से ज्यादा नहीं कमा रहा था, इसलिए उसने अपने एक दोस्त शाकिर से हाथ मिला लिया, जो एक ड्रग पेडलर था। आरोपी ने शुरुआत में उसके वाहक के रूप में काम करना शुरू किया और उसे प्रत्येक डिलीवरी पर उसे 1000 रुपये मिल रहे थे। वह शाकिर के निर्देशानुसार हेरोइन को कानपुर, लखनऊ व अन्य स्थानीय क्षेत्रों में पहुंचाता था। वर्ष 2009 में, उसके दोस्त ने अपनी खुद की हेरोइन सप्लाई शुरू की और आरोपी ने इस कार्य का भार संभाला और प्रतिदिन 3 से 5 हजार रुपये कमाने लगा। वर्ष 2009 में, उसके कुछ सहयोगियों जुबेर और परवेज को स्थानीय पुलिस ने एनडीपीएस मामले में गिरफ्तार किया था और आरोपी शमीम को भगोड़ा घोषित किया गया था।
आरोपी को बाद में इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया और वह डेढ़ महीने तक सलाखों के पीछे रहा। जेल से बाहर आने के बाद उसने फिर हेरोइन बेचने का काम शुरू किया लेकिन इस बार उसने 3-4 स्थानीय तस्करों से हेरोइन खरीदनी शुरू की और बाद में अपने गांव के विभिन्न उपभोक्ताओं को बेच दी। वर्ष 2011 में बाराबंकी अपराध शाखा ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से 750 ग्राम हेरोइन बरामद की थी| वह 1 वर्ष की अवधि के लिए सलाखों के पीछे रहा और अंततः उसे इस मामले में 5 वर्ष की अवधि के लिए दोषी ठहराया गया। वर्ष 2013 में आरोपी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और डेढ़ साल की कैद के बाद जमानत पर रिहा हो गया। इसके बाद वह अपने साले के साथ विवाह समारोहों में टेंट लगाने का काम करने लगा।
बाराबंकी जेल में रहने के दौरान वह मणिपुर निवासी एक नशा तस्कर अब्दुल रज्जाक के संपर्क में आया। अब्दुल रज्जाक के बाराबंकी जेल से छूटने के बाद आरोपी शमीम से संपर्क किया और दोनों साथ काम करने लगे। अब्दुल रज्जाक ने शुरू में कानपुर, उत्तर प्रदेश में अपने एक वाहक अकील के माध्यम से हेरोइन की आपूर्ति की। उसने एक वर्ष की अवधि के लिए अब्दुल रज्जाक के साथ काम किया और बाद में वाहक अकील के साथ काम करना शुरू किया। वह 2018 तक अकील के साथ काम करता रहा। उसी साल उसके एक परिचित इकबाल ने उसे सपन हलदर का नंबर दिया और आरोपी उसके साथ काम करने लगा। शुरू में शमीम ने शुभंकर हलदार (सपन हलदार के वाहक) के माध्यम से बिहार में सपन हलदर को 900 ग्राम हेरोइन की आपूर्ति की। बाद में आरोपी को अपने गांव के स्थानीय नशा तस्कर को सप्लाई करने के लिए सपन हलदर से अच्छी गुणवता की हेरोइन भी मिलने लगी।
शुभंकर हलदर की गिरफ्तारी के बाद आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना ठिकाना बदलता रहा और विभिन्न स्थानीय उपभोक्ताओं को कम मात्रा में हेरोइन की आपूर्ति करता रहा। आरोपी अभी भी बाराबंकी के शमीम, सद्दाम उर्फ सद्दू और मुबीन स्थानीय नशा तस्कर के संपर्क में है। आरोपी और उसका गिरोह दिल्ली और यूपी के इलाके में बड़े स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी का गठजोड़ चला रहा है। नशा तस्करी के धंधे में शामिल पूरे गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए प्रयास जारी है |