गैर-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड ने डीयू के नार्थ कैंपस में पुलिस के सहयोग से आयोजित किया “साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम”

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विशेष संवाददाता

नई दिल्‍ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में “साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम” को लेकर एक कार्यशाला आयोजित की गई। एनसीवेब की पंद्रह हजार से अधिक छात्राओं ने दिल्ली पुलिस से साइबर सुरक्षा और जागरूकता कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर डीयू में गैर-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (NCWEB), दिल्ली पुलिस और हंसराज कॉलेज के NCWEB केंद्र के संयुक्त सहयोग से शनिवार को ‘साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम’ पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय के कांफ्रेंस सेंटर में किया गया। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद एनसीडब्ल्यूईबी की छात्राओं द्वारा साइबर सुरक्षा जागरूकता विषय पर नाटक व नृत्य प्रस्तुत किया गया।

डीसीपी उत्तरी जिला सागर सिंह कलसी, हंसराज कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर रामा, एनसीडब्ल्यूईबी की निदेशक प्रोफेसर गीता भट्ट और भारतीय सेना में शामिल पहली महिला मुक्केबाज अरुंधति चौधरी श्री। कार्यक्रम में मौजूद रहीं। सभी को स्मृति चिन्ह, शाल एवं पौधा देकर सम्मानित किया गया।

इसके बाद अपने स्वागत भाषण में एनसीडब्ल्यूईबी की निदेशक प्रो. गीता भट्ट ने दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली की प्रशंसा की और साइबर सुरक्षा पर उन्होंने आज के तकनीकी युग में इसकी आवश्यकता को रेखांकित किया और पिछली घटनाओं से लाभान्वित होने वाली छात्राओं का दिल्ली पुलिस को धन्यवाद दिया। अपने बयान में उन्होंने दिल्ली पुलिस के साइबर विशेषज्ञ सब इंस्पेक्टर विनोद वालिया.का विशेष आभार व्यक्त किया।

गैर-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड ने डीयू के नार्थ कैंपस में पुलिस के सहयोग से आयोजित किया “साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम”

डीसीपी उत्तर जिला सागर सिंह कलसी (आईपीएस) ने कार्यक्रम के अगले पड़ाव में मुख्य अतिथि के रूप में सबसे पहले ‘सतर्कता’ पर जोर दिया। इसके बाद उन्होंने इंटरनेट की निजी जानकारी किसी से साझा नहीं करने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को निरंतर अध्ययन करने और आर्थिक स्वावलंबन के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि यही आपके आत्मविश्वास का मूल होगा। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने साइबर सुरक्षा के प्रति दिल्ली पुलिस के कर्तव्य और प्रतिबद्धता को व्यक्त किया।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए विशिष्ट अतिथि अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज अरुंधति चौधरी ने कहा कि महिलाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने और महिला सशक्तिकरण के लिए आवश्यक बनाने में साइबर सुरक्षा महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने भाषण में छात्राओं को 3डी (अनुशासन, समर्पण और दृढ़ संकल्प) बनकर अपने लक्ष्य के प्रति साहसी बनने और किसी भी स्थिति में खुद को कम नहीं आंकने के लिए भी प्रेरित किया। इसके बाद एनसीडब्ल्यूईबी केंद्र हंसराज कॉलेज की छात्राओं द्वारा स्व-रचित कविता पाठ किया गया।

कार्यक्रम का अगला महत्वपूर्ण चरण साइबर सुरक्षा जागरूकता पर कार्यशाला के साथ शुरू हुआ। इस कार्यशाला में दिल्ली पुलिस के साइबर विशेषज्ञ सब इंसपेक्‍टर विनोद वालिया ने छात्राओं से बातचीत की और पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से छात्रों को इस मुद्दे पर जागरूक किया। जागरूकता की कड़ी में सतर्क रहने पर जोर दिया गया। इसके अलावा विभिन्न साइबर क्राइम की रियल लाइफ घटनाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को जागरूक किया गया।

इसके साथ ही उन्होंने केस स्टडी के माध्यम से छात्रों को साइबर क्राइम और फ्रॉड के सभी पहलुओं से अवगत कराया और साइबर सुरक्षा के सभी पहलुओं से भी परिचित कराया। एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय में, उन्होंने हर महीने व्यक्तिगत रूप से मोबाइल फोन का ऑडिट करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने इंटरनेट पर विभिन्न खातों के पासवर्ड सुरक्षा के पहलुओं पर भी चर्चा की।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में उप निदेशक एनसीडब्ल्यूईबी डॉ सुरेंद्र कुमार ने कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए इस आयोजन के लिए दिल्ली पुलिस का विशेष आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में हंसराज महाविद्यालय केन्द्र, महाराजा अग्रसेन केन्द्र, सत्यवती महाविद्यालय केन्द्र एवं पीजी केन्द्र की 1000 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। एनसीडब्ल्यूईबी के इस साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान से 15,000 से अधिक छात्राएं लाभान्वित हुईं। यह साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम पिछले छह महीनों में 26 एनसीडब्ल्यूईबी केंद्रों में आयोजित किया गया है जिसमें 15,000 से अधिक छात्राओं को साइबर खतरों और सावधानियों के बारे में जागरूक किया गया है।

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