— दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई
— मुआवज़े का 25 प्रतिशत देगा स्वाभिमान ट्रस्ट
— अदालत के फैसले पर जल्द होगा अमल
नई दिल्ली, 23 फ़रवरी। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ब्रिजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि रामलीला मैदान में चल रहे बाबा रामदेव के अनशन के दौरान पुलिसकर्मियों को लाठीचार्ज करने के किसी तरह के कोई आदेश नहीं दिए थे, और अगर किसी ने वहां ऐसा कुछ किया जिस कारण किसी को चोट पहुंची तो उस पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जायगी। दिल्ली पुलिस अदालत के फैसले का सम्मान करती है और फैसले के मुताबिक कार्रवाई अमल में लाइ जायगी। अदालत ने कार्रवाई का शिकार हुई राजबाला के परिजनों को पांच लाख रुपए देने का निर्णय दिया है जिसके तहत 25 प्रतिशत भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के द्वारा दिया जायेगा। पुलिस अभी अदालत के इस फैसले की प्रति का अवलोकन कर रही है जिसके बाद निर्धारित समय में अदालत को रिपोर्ट सौंप दी जायगी।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी.के.गुप्ता आज देर शाम दिल्ली पुलिस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। सबसे पहले पुलिस आयुक्त ने अदालत के उस फैसले के कुछ अंश को पढ़ कर सुनाया, जिसमे पुलिस को दोषी पुलिसवालों पर कार्रर्वाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने अदालत के फैसले के प्वाइंट पढ़ते हुए कहा कि अदालत ने यह बात मान ली है कि उस दिन पुलिसवालों को लाठीचार्ज करने के कोई आदेश नहीं दिए गए थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से लाठीचार्ज करने सम्बन्धी कोई आदेश नहीं दिए गए थे, अगर किसी पुलिस वाले ने व्यक्तिगत रूप से ऐसा किया जिसके चलते किसी को चोट लगी हो, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अदालत का फैसला पड़ते हुए कहा कि अदालत ने यह भी मन है कि उस रात पुलिस ने कानून का पालन करने के लिए अपनी पूरी कोशिश की थी।