–मृतक के पास मिले थे सिर्फ 12 हजार रुपये
नई दिल्ली। रजित राम यादव अंबेडकर नगर से दिल्ली आया तो घर की आर्थिक स्थिति सही करने के लिए उसने एक फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया। घर से पैसे की डिमांड बढ़ी तो इसने फैक्ट्री में रात में सिक्योरिटी गार्ड और दिन में आफिस वर्क करना शुरू कर दिया। फैक्ट्री में ही कुछ दिन काम किये एक कर्मचारी को अंदेशा रहता था कि आफिस के कर्मचारियों के बीच चिट एंड फंड चलाने वाले रजित राम के पास बहुत पैसा होगा। इस वजह से उसने अपने दोस्त के साथ मिल रजित की हत्या कर दी। पुलिस ने हत्या की सनसनीखेज वारदात को सुलझाने का दावा करते हुए दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पश्चिमी जिले के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त वी रंगनाथन ने बताया कि मायापुरी फेस 2 में एक खून से लथपथ लाश मिली थी। पुलिस ने मृतक की पहचान मायापुरी में फैक्ट्री में कार्यरत रजित राम (44) के रूप में की। पुलिस जांच में पता चला कि फैक्ट्री में ही इसे एक रुम रहने के लिए मिला था। इस बाबत मायापुरी थाने में हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। एसीपी तिलक नगर के नेतृत्व में गठित जांच टीम ने फैक्ट्री के 500 वर्करों समेत आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ कर दो लोगों को चिन्हित किया। पुलिस ने सूचना के आधार पर देर रात दो आरोपियों सियाराम और जगदीश कुमार को धरदबोचा। पुलिस ने इनके पास से दो चाकू और 6 हजार रुपये बरामद किया। पुलिस पूछताछ में देानों ने बताया कि दोनों मजदूरी करते है और इस समय खाली थे। कहीं काम नहीं मिल रहा था,आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे। जगदीश कुमार ने कुछ समय तक रजित राम के साथ फैक्ट्री में काम किया था। इसे पता था कि रजित आफिस के कर्मचारियों में मंथली चिट एंड फंड चलाता था। आरोपियों ने सोचा कि रजित के कमरे पर उन्हें ज्यादा पैसे मिल जायेंगे और इसी वजह से दोनों ने उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद आरेापियों को मृतक के रुम से सिर्फ १२हजार रुपये मिले थे।