पटना। भाजपा नेता विजय सिंह की मौत मामले में पटना पुलिस ने दावा किया कि भाजपा पदाधिकारी विजय कुमार सिंह लाठीचार्ज में नहीं मारे गए क्योंकि जब पुलिस कार्रवाई हुई तो वह पटना में विरोधस्थल पर मौजूद ही नहीं थे। एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि पुलिस की पिटाई से विजय सिंह की मौत की बात कही जा रही है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि दोपहर 1़़ बजकर 22 मिनट पर वे दो लोगों के साथ डाकबंगला की तरफ जाते दिख रहे हैं। इस दौरान वो स्वस्थ दिखाई दे रहे हैं। इस बीच उन्होंने रास्ते में एक स्कॉर्पियो चालक से भी बात की।
एसएसपी ने बताया कि विजय सिंह दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से 1 बजकर 28 मिनट के बीच मूर्छित होकर गिर गए। हालांकि, उस जगह पर कैमरा नहीं था। उन्हें रिक्शा से नर्सिंग होम जाते भी देखा गया है। उनके साथ रहे दो लोगों की पहचान कर बयान दर्ज किया गया। एसपी ने कहा कि उन दो लोगों ने बताया कि वे लोग डाकबंगला की तरफ जा रहे थे, लेकिन भगदड मच गई। इससे पहले कि वे डाकबंगला चैराहे पर जाते, विजय मूर्छित होकर गिर गए। एसपी ने आगे बताया कि उस क्षेत्र में लाठीचार्ज नहीं किया गया। नहीं ही सिंह के पास कोई पुलिसकर्मी दिखाई दिया। यहां तक की विजय सिंह के शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए। मजिस्ट्रेट ने विजय सिंह के शव का पंचनामा किया और पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई है। पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। मामले की जांच की जा रही है। एसपी ने बताया कि छज्जू बाग इलाके से ली गई फुटेज में किसी भी तरह की भगदड़ का कोई फुटेज नहीं मिला। क्षेत्र में यातायात पूरी तरह सामान्य देखा गया। अब उनकी मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल सकेगा। पुलिस के अनुसार, राजनीतिक दल को विधानसभा मार्च की अनुमति नहीं दी गई थी। बावजूद इसके पार्टी कार्यकर्ता डाकबंगला तक पहुंच गए। वहां पुलिस ने एहतियातन पहले से बैरिकेडिंग कर रखी थी। लोग उसे तोड़ कर आगे बढ़ रहे थे।