-किसी भी और मुख्यमंत्री के घर की साज सज्जा का लाएं उदाहरण
-केजरीवाल जैसी विलासिता अब तक किसी के घर पर नहीं
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आप नेताओं को चुनौती दी है कि वे देश किसी भी मुख्यमंत्री के घर की साज-सज्जा पर 45 करोड़ रुपए खर्च होने का उदाहरण लाएं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने सादगी का चोला पहनकर जिस तरह दिल्ली के टैक्सपेयर्स के खून-पसीने की कमाई को लूटा है, ऐसी विलासिता का कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलेगा। बिधूड़ी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के नेता अपने खासमखास मुख्यमंत्री के पक्ष में उलजलूल और बचकाने तर्क दे रहे हैं। वे कह रहे हैं कि दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपने सरकारी घरों पर खर्चा करते हैं लेकिन वह बताएं कि क्या किसी मुख्यमंत्री ने अपने घर के 23 पर्दों को बदलने पर एक करोड़ से अधिक खर्च किया है? क्या किसी मुख्यमंत्री ने अपने घर में आठ-आठ लाख रुपए के पर्दे लगवाए हैं? क्या किसी मुख्यमंत्री ने विदेशी मार्बल पर 3 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च किया है? क्या किसी मुख्यमंत्री ने केवल तीन अलमारियों को बनवाने में 40 लाख रुपए खर्च किए हैं? क्या किसी और मुख्यमंत्री के घर पर इंटीरियर डेकोरेशन पर 11.30 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं? यहां तक कि मकान को सजाने के लिए कंसलटेंसी पर ही एक करोड़ खर्च कर दिया गया। क्या किसी मुख्यमंत्री के घर की एक दीवार की साज-सज्जा पर चार करोड़ से अधिक का खर्च आया है? क्या किसी मुख्यमंत्री के घर पर दो किचन बनाने पर ही 63 लाख 75 हजार रुपए खर्च किए गए हैं? क्या किसी मुख्यमंत्री के घर पर सिर्फ कालीनों पर 20 लाख रुपए खर्च किए गए हैं?
बिधूड़ी ने कहा कि यह उस मुख्यमंत्री के घर का हाल है जो यह कहते थे कि मैं सरकारी घर नहीं लूंगा, गाड़ी नहीं लूंगा और उतनी ही सुरक्षा लूंगा जितनी आम आदमी को मिलती है। उन्होंने कहा कि यह खर्चा तो वो है जो प्रकाश में आ गया है लेकिन मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के उनके गैंग के नेता बताएं कि मुख्यमंत्री के घर पर फर्नीचर और दूसरी साज-सज्जा पर कितना खर्च हुआ? यही नहीं, यह भी बताएं कि मुख्यमंत्री के घर पर जो फाइव स्टार स्वीमिंग पूल बनाया गया है, उस पर कुल कितना खर्च हुआ? स्वीमिंग पूल के लिए अनुमानित लागत ही 9 करोड़ रुपए से ज्यादा थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी और उसकी सरकार के सारे कारनामों को देख रही है। इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले पर पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, उनमें से कितनी राशि आप के नेताओं की जेब में बतौर कमीशन गई है क्योंकि भ्रष्टाचार के बिना तो वे कोई भी कार्य नहीं करते।