-अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने महिला निःसंतानता पर आयोजित किया राष्ट्रीय सम्मेलन
नई दिल्ली। महिलाओ में बढ़ती निःसंतानता के मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), आयुष मंत्रालय के तहत भारत का शीर्ष आयुर्वेद संस्थान ने 17 और 18 अप्रैल को सृजनाः महिला निःसंतानता पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। निःसंतानता देश की लाखो महिलाओ को प्रभावित करता है, और साथ ही उनके परिवारों और समुदायों पर भी असर डालता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, 37 प्रतिशत निःसंतान दंपतियों में महिला निःसंतानता का कारण है। भारत में, महिला निःसंतानता की समस्या बढ़ती जा रही है और लगभग 15 प्रतिशत दंपतियों को प्रभावित करती है। इस समस्या से निपटने के लिए आयुर्वेदिक अनुसंधान और ज्ञान के योगदान पर परिचर्चा हेतु एआईआईए ने दो -दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया, जिसके बाद इसी विषय पर पैनल चर्चा भी की गई, जिसमे देश भर से आए 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सम्मेलन प्रो. अभिमन्यु कुमार, पूर्व वीसी, डीएसआरआयू जोधपुर, राजस्थान मुख्य अतिथि थे तथा प्रो. (डॉ.) पूजा भारद्वाज, पूर्व डीजी आयुष विशेष अतिथि थीं। सम्मेलन का आयोजन (डॉ.) तनुजा नेसारी, एआईआईए निदेशक, डीन एआईआईए तथा अन्य वरिष्ठ फैकल्टी द्वारा की गई थी।
एआईआईए की निदेशक प्रो. (डॉ) तनुजा नेसरी ने कहा कि मुझे खुशी है कि एआईआईए (आयुष मंत्रालय के तहत एक टेरेशरी-केयर अस्पताल) ने महिला निःसंतानता पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। पिछले महीने ही हमने पुरुष अवांछितता पर भी एक सेमिनार का आयोजन किया था, इस श्रृंखला को जारी रखते हुए स्त्री रोग और प्रसूति तंत्र (एसआरपीटी) विभाग ने स्त्री निःसंतानता पर एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में देश भर से कई वैज्ञानिक, व्यवहारकर्ता और विद्वानों ने भाग लिया और अपनी सफलताओ की कहानियाँ को साझा किया और साथ ही साथ आयुर्वेद के माध्यम से अपने व्यावहारिक और वैज्ञानिक ज्ञान को भी विस्तारित किया। इस सम्मेलन में कई गायनक्लोजिस्ट ने भी भाग लिया। सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ. प्रो. अभिमन्यु कुमार, पूर्व वीसी, डीएसआरआरएयू जोधपुर, राजस्थान ने विशेषज्ञो एवं एआईआईए के संकाय सदस्यों को सम्बोधित करते कहा कि मैं स्त्री रोग और प्रसूति तंत्र (एसआरपीटी) डिपार्टमेंट को इस सम्मेलन के आयोजन के लिए बधाई देना चाहता हूं। पूरा डिपार्टमेंट बहुत सक्रिय है तथा समय समय पर यह कुछ मुद्दों को उठाता है जो सभी की मदद करते हैं। हाल के दिनों में, इसने उत्तरबस्ती पर एक कार्यशाला का आयोजन किया था। विभाग ने अपनी विशेष ओपीडी के माध्यम से महिला बांझपन के 500 से अधिक मामलों का सफलतापूर्वक इलाज किया है।. जीवनशैली में भारी बदलाव आया है जो महिलाओं में बांझपन का कारण बन रहा है, आयुर्वेद महिलाओं में बांझपन के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस सम्मेलन में सात वैज्ञानिको ने वयाख्यान दिया। प्रत्येक सत्र में आमंत्रित विशेषज्ञ वक्ता द्वारा भाषण दिया गया और देश भर से पंजीकृत प्रतिनिधियों के वैज्ञानिक शोध पत्र प्रस्तुत किया।