नई दिल्ली, 28फरवरी। उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस ने दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) स्कूलों में कार्यरत 7 ऐसे शिक्षकों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए अपनी सेवाएं दे रहे थे।
सिविल लाइन एरिया के एजुकेशन डिप्टी डायरेक्टर कंवर सिंह को कुछ नियुक्ति पत्र के फर्जी होने का संदेह है और उन्होंने जहांगीरपुरी थाना पुलिस को इस बात की सूचना दी।
–शिकायत के बाद हुआ मामले का खुलासा
–75 हजार रुपए नकद बरामद
–फर्जी नियुक्त प्रमाण पत्र बरामद
छानबीन में पुलिस को पता चला कि इसके पीदे एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है। पुलिस ने बहरहाल सात एमसीडी स्कूलों के सात शिक्षकों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए बहाल किए गए थे। इनकी पहचान सचिन(21), संजीव(22), सुरेश(25), अशोक(28), आफताब(48), सुनील(32), राना भूषण(35) के रूप में हुई है।
उत्तर-पश्चिम जिले के अतिरिक्त उपायुक्त रोमिल बानिया ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद फौरन इस केस की तफ्तीश के लिए जहांगीरपुरी के एसीपी जय भगवान की देखरेख में एक स्पेशल टीम गठित की गई। इस टीम का नेतृत्व जहांगीरपुरी के एसएचओ यशपाल सिंह कर रहे थे। इस टीम में एसआई शैलेन्द्र कुमार, कृष्णा, हेडकांस्टेबल नरेंद्र को शामिल किया गया। संदेहास्पद दस्तावेजों के आधार पर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में तीन शिक्षकों ने इस बात को कबूल किया गया कि शिक्षक पद के लिए वांछित योग्यता को पूरी नहीं कर पाए थे। लेकिन उन्हें नौकरी की बेहत जरुरत थी तो वे संदीप(बदला नाम) और दीपक(बदला नाम) के संपर्क में आए। ये दोनों मूलरूप से हरियाणा के निवासी हैं। दोनों ने पैसों के बदले एमसीडी स्कूलों में नौकरी दिलाने का वादा किया। पूछताछ में पता चला कि इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड अशोक है, जो खुद वजीराबाद में एमसीडी शिक्षक के पद पर कार्यरत है। अशोक अपने कुछ साथियों के साथ नियुक्ति पत्र का फर्जी प्रारूप तैयार किया और एमसीडी में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने लगे। पुलिस ने इनके पास से फर्जी नियुक्ति पत्र, मुहरें और 75 हजार रुपए नकदी बरामद किया है।